बनकर माँ, टीवी पे कहती, पहन बेटी नेपकिन,
ताकि तेरा ध्यान पर्चे के सवालों पर रहे,
एक प्राकृतिक क्रिया को, यूं दिखाया जा रहा,
नेपकिन का नाम ही, उसके ख्यालों पर रहे।।
ताकि तेरा ध्यान पर्चे के सवालों पर रहे,
एक प्राकृतिक क्रिया को, यूं दिखाया जा रहा,
नेपकिन का नाम ही, उसके ख्यालों पर रहे।।
दूसरी कहती कि, इसको पहन मेरी लाडली,
ध्यान माहवारी से हटकर, गोल करने पर रहे,
ला रही खेलों में मेडल, हिन्द की जो बेटियाँ,
नैपकिन के नाम पर, अपमान उनका कर रहे।।
ध्यान माहवारी से हटकर, गोल करने पर रहे,
ला रही खेलों में मेडल, हिन्द की जो बेटियाँ,
नैपकिन के नाम पर, अपमान उनका कर रहे।।
गर यही चलता रहा तो, दूर दिन वो भी नहीं,
नैपकिन कैसे लगाते, यह सिखाया जायेगा,
और इसके फायदों का जिक्र करने के लिए,
नारियों को मंच पर, नंगा दिखाया जायेगा।।
नैपकिन कैसे लगाते, यह सिखाया जायेगा,
और इसके फायदों का जिक्र करने के लिए,
नारियों को मंच पर, नंगा दिखाया जायेगा।।
नग्नता, अश्लीलता अब बन गयी व्यापार है,
नारियाँ खुद नारियों की, आज इज्जत हर रहीं,
किस तरह उनको हितैषी, नारियों का मान लूँ,
बेटियों की माहवारी, पर जो धंधा कर रहीं।।
रणवीर सिंह (अनुपम), मैनपुरी (उप्र)
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नारियाँ खुद नारियों की, आज इज्जत हर रहीं,
किस तरह उनको हितैषी, नारियों का मान लूँ,
बेटियों की माहवारी, पर जो धंधा कर रहीं।।
रणवीर सिंह (अनुपम), मैनपुरी (उप्र)
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