है इधर-उधर की बात नहीं,
बातों की बात बताते हैं,
बातों की महिमा है अनंत,
बातों की गाथा गाते हैं॥
बातों की बात बताते हैं,
बातों की महिमा है अनंत,
बातों की गाथा गाते हैं॥
बातों में राम-रहीमा हैं,
बातों में काबा-कैलाशी,
हर चीज जगत में मरणशील,
है सिर्फ बात ही अविनाशी॥
बातों में काबा-कैलाशी,
हर चीज जगत में मरणशील,
है सिर्फ बात ही अविनाशी॥
बातों से बात बिगड़ती है,
बातों से बातें बन जाती,
स्वार्थ की बातों में पड़कर,
बातों, बातों में तन जाती॥
बातों से बातें बन जाती,
स्वार्थ की बातों में पड़कर,
बातों, बातों में तन जाती॥
बातों से रिश्ते कायम हैं,
बातें संबंध जोड़तीं हैं,
बातें अपनों से दूर करें,
बातें संबंध तोड़तीं हैं॥
बातें संबंध जोड़तीं हैं,
बातें अपनों से दूर करें,
बातें संबंध तोड़तीं हैं॥
बातें ही आग लगा देतीं,
बातें ही आग बुझातीं हैं,
बातें ही मन मैला करतीं,
बातें ही दाग छुड़ातीं हैं॥
बातें ही आग बुझातीं हैं,
बातें ही मन मैला करतीं,
बातें ही दाग छुड़ातीं हैं॥
बातों से भीड़ उपजती है,
बातों से नेता बनता है,
बातों से भीड़ उखड़ती है,
बातों के पीछे जनता है॥
बातों से नेता बनता है,
बातों से भीड़ उखड़ती है,
बातों के पीछे जनता है॥
बातों से चलता है शासन,
बातों से कायम अनुशासन,
बातें ही हैं आधारशिला,
बातों से टिकता सिंहासन॥
बातों से कायम अनुशासन,
बातें ही हैं आधारशिला,
बातों से टिकता सिंहासन॥
बातें ही जान बचा लेतीं,
बातों से जान निकल जाती,
बातें पथ से भटका देतीं,
बात ही पथ पर ले आती॥
बातों से जान निकल जाती,
बातें पथ से भटका देतीं,
बात ही पथ पर ले आती॥
बातों से इंसा उठता है,
बातों से इंसा गिरता है,
जिसकी बातों की पूछ नहीं,
वो मारा-मारा फिरता है॥
बातों से इंसा गिरता है,
जिसकी बातों की पूछ नहीं,
वो मारा-मारा फिरता है॥
बातें कह जाना बड़ी बात,
बातें सह जाना बड़ी बात,
बातें न खलना बड़ी बात,
बातों पर चलना बड़ी बात॥
बातें सह जाना बड़ी बात,
बातें न खलना बड़ी बात,
बातों पर चलना बड़ी बात॥
बातों में कोलाहल भारी,
बातों में देखी लाचारी,
बातें कर देती छिन्न-भिन्न,
सीने पर ज्यों चलती आरी॥
बातों में देखी लाचारी,
बातें कर देती छिन्न-भिन्न,
सीने पर ज्यों चलती आरी॥
बातें संकेतों से होतीं,
बातें हाथों से होतीं हैं,
बातें बिन बात किए होतीं,
बातें आँखों से होतीं हैं॥
बातें हाथों से होतीं हैं,
बातें बिन बात किए होतीं,
बातें आँखों से होतीं हैं॥
बातों की कीमत को जानो,
बातों पर तुम मिटना सीखो,
कम बात करो कहकर लेकिन,
बातों पर तुम टिकना सीखो॥
बातों पर तुम मिटना सीखो,
कम बात करो कहकर लेकिन,
बातों पर तुम टिकना सीखो॥
जग में वोही कुछ कर पाया,
जिसने बातें करना सीखा,
उसका ही जीना, जीना है,
बातों पर जो मरना सीखा॥
जिसने बातें करना सीखा,
उसका ही जीना, जीना है,
बातों पर जो मरना सीखा॥
बातों की महिमा है अनंत,
बातों में बसते साधु-संत,
बातों से सृष्टि संचलित है,
बातों का कोई नहीं अंत॥
बातों में बसते साधु-संत,
बातों से सृष्टि संचलित है,
बातों का कोई नहीं अंत॥
रणवीर सिंह (अनुपम)
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