Monday, April 27, 2015

25 वर्तनी भी सीख जो पाये नहीं

एक मुक्तक आज के तथाकथित महाकवियों के नाम।

वर्तनी  भी  सीख  जो  पाए  नहीं, व्याकरण  को   आज  वो  गढ़ने  लगे।
क, ख, ग, जिनको अभी है  सीखना, एम. ए. की वो  पुस्तकें  पढ़ने लगे।
वज्न,  बहरों  का  पता  जिनको  नहीं, आज  वो  ही  शायरी करने  लगे।
शब्दों का मतलब जिन्हें मालूम ना, गीतिका, कविता, गजल लिखने लगे।

रणवीर सिंह (अनुपम)
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