Monday, July 29, 2019

816. जिस रोज से देखा है तुझको (मुक्तक)

816. जिस रोज से देखा है तुझको (मुक्तक)


जिस रोज से देखा है तुझको, उस रोज से तुझमें दिल अटका।
इक बार अरे यह  क्या भटका, तब  ही  से  फिरे भटका-भटका।
नाजुक तन पर यों जुल्म न कर, इस भाँति लगा मत तू झटका।

केहर  कटि  मोंच न  खा जाए, मन में दिनरात यही खटका।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
29.07.2019
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