816. जिस रोज से देखा है तुझको (मुक्तक)
जिस रोज से देखा है तुझको, उस रोज से तुझमें दिल अटका।
इक बार अरे यह क्या भटका, तब ही से फिरे भटका-भटका।
नाजुक तन पर यों जुल्म न कर, इस भाँति लगा मत तू झटका।
केहर कटि मोंच न खा जाए, मन में दिनरात यही खटका।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
29.07.2019
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