Wednesday, July 24, 2019

811. नहीं मठों में कुछ रखा (कुंडलिया)

811. नहीं मठों में कुछ रखा (कुंडलिया)

नहीं मठों में  कुछ रखा, सब कोरी बकबास। 
मंदिर में भी कुछ नहीं, मत रख इनसे आस।
मत रख इनसे आस, यहाँ पर सिर्फ कीच है।
जातिपाँति छल कपट, सोच निकृष्ट नीच है।
छुआछूत पाखण्ड, गले  तक  भरा शठों  में।
छोड़  बावले  छोड़, रखा कुछ  नहीं मठों में।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
24.07.2019
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