Wednesday, July 24, 2019

812. तेरे सँग जो संगिनी (कुंडलिया)

812. तेरे सँग जो संगिनी (कुंडलिया)

तेरे  सँग   जो   संगिनी, कल   थी  मेरे  संग।
गिरगिट  से भी  तेज है, पल-पल बदले  रंग।
पल-पल बदले रंग, वफ़ा इसको नहिं आती।
झूठे अश्रु  बहाय, कसम यह  सौ-सौ खाती।
धन दौलत सुख-चैन, हाथ सब पर यह फेरे।
हँस-हँस  करे  हलाल, संग  में  जो   है  तेरे।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
24.07.2019
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