812. तेरे सँग जो संगिनी (कुंडलिया)
तेरे सँग जो संगिनी, कल थी मेरे संग।
गिरगिट से भी तेज है, पल-पल बदले रंग।
पल-पल बदले रंग, वफ़ा इसको नहिं आती।
झूठे अश्रु बहाय, कसम यह सौ-सौ खाती।
धन दौलत सुख-चैन, हाथ सब पर यह फेरे।
हँस-हँस करे हलाल, संग में जो है तेरे।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
24.07.2019
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