801. रोम-रोम कर्जे में डूबा (मुक्तक)
रोम - रोम कर्जे में डूबा, देह लगी है सट्टे पर।
बीज-खाद में लोटा-थरिया, रखे ब्याज अरु बट्टे पर।
दिन भर गात जलाती कमली, बच्चों के सँग भट्टे पर।
और शाम को खीज उतारे, कुढ़-कुढ़कर सिलबट्टे पर।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
16.07.2019
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801. रोम-रोम कर्जे में डूबा (मुक्तक)
रोम - रोम कर्जे में डूबा, देह लगी सट्टे पर।
बीज-खाद में लोटा-थरिया, रखे ब्याज-बट्टे पर।
दिन भर गात जलाती कमली, बच्चों सँग भट्टे पर।
और शाम को खीज उतारे, कुढ़-कुढ़ सिलबट्टे पर।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
16.07.2019
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