Tuesday, July 16, 2019

801. रोम-रोम कर्जे में डूबा (मुक्तक)

801. रोम-रोम कर्जे में डूबा (मुक्तक)

रोम - रोम   कर्जे  में   डूबा,  देह   लगी   है   सट्टे  पर।
बीज-खाद  में  लोटा-थरिया, रखे ब्याज अरु बट्टे  पर।
दिन भर गात जलाती कमली, बच्चों के सँग भट्टे  पर।
और शाम को खीज उतारे, कुढ़-कुढ़कर सिलबट्टे पर।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
16.07.2019
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801. रोम-रोम कर्जे में डूबा (मुक्तक)

रोम - रोम   कर्जे   में  डूबा,  देह   लगी   सट्टे  पर।
बीज-खाद  में  लोटा-थरिया,  रखे ब्याज-बट्टे  पर।
दिन भर गात जलाती कमली, बच्चों सँग भट्टे पर।
और शाम को खीज उतारे, कुढ़-कुढ़ सिलबट्टे पर।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
16.07.2019
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