Wednesday, July 24, 2019

809. सत्ता में जो-जो मिले (कुंडलिया)

809. सत्ता में जो-जो मिले (कुंडलिया)

सत्ता में  जो-जो मिले, मिले न मठ  के पास।
इसीलिए  मठ  से  नहीं, सत्ता  से   है  आस।
सत्ता   से   है  आस,  लुटेरे   ठग  चोरों  को।
लोभी   लंपट   दुष्ट,  धूर्त   काले - गोरों  को।
नौकर - चाकर  फोन, कोठियां  गाड़ी भत्ता।
सारे ही सुख मिलें, मिले जिस दिन से सत्ता।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
24.07.2019
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