809. सत्ता में जो-जो मिले (कुंडलिया)
सत्ता में जो-जो मिले, मिले न मठ के पास।
इसीलिए मठ से नहीं, सत्ता से है आस।
सत्ता से है आस, लुटेरे ठग चोरों को।
लोभी लंपट दुष्ट, धूर्त काले - गोरों को।
नौकर - चाकर फोन, कोठियां गाड़ी भत्ता।
सारे ही सुख मिलें, मिले जिस दिन से सत्ता।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
24.07.2019
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