817. राँड़ रड़ापो काट ले (कुंडलिया)
राँड़ रड़ापो काट ले, रसिक न काटन देंय।
कूद-कूद बिन बात पर, जाय-जाय सुध लेंय।
जाय-जाय सुध लेंय, छः दफा दिन में रड़ुआ।
तिरछी माँग निकार, ताक में रहते भड़ुआ।
लोक-लाज नहिं उम्र, न दीखे इन्हें बुढ़ापो।
ऐसे में किस तरह, काट ले राँड़ रड़ापो।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
30.07.2019
*****