Sunday, January 20, 2019

696. घूँघट पीछे चंद्रमुख (कुंडलिया)

696. घूँघट पीछे चंद्रमुख (कुंडलिया)

घूँघट पीछे  चंद्रमुख, अधरन  बिच मुस्कान।
श्याम चक्षु नीची नजर, एक दिन लेंगे जान।
इक  दिन   लेंगे  जान,  नैन  दोऊ  कजरारे।
उस पर ये रँग-रूप, देख दिल को नहिं हारे।
इधर   नैन   बेचैन, ताकते    हैं  अमृत  घट।
उधर   रूप-मकरंद, अकेले   चाखे   घूँघट।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
20.01.2019
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