Friday, January 04, 2019

670. लगाई भीड़ यह किसने (मुक्तक)

670. लगाई भीड़ यह किसने (मुक्तक)

लगाई भीड़ यह किसने, ये मजमा यार किन का है।
रखें  हद  में  इसे अपने, गुरूर -ए- हुश्न जिनका है।
अरे इस चाँद-सी सूरत पे, इतना भी  गुमाँ मत कर।
हमें  मालूम है  जानम, मुलम्मा  चार  दिन  का  है।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
04.01.2018
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