670. लगाई भीड़ यह किसने (मुक्तक)
लगाई भीड़ यह किसने, ये मजमा यार किन का है।
रखें हद में इसे अपने, गुरूर -ए- हुश्न जिनका है।
अरे इस चाँद-सी सूरत पे, इतना भी गुमाँ मत कर।
हमें मालूम है जानम, मुलम्मा चार दिन का है।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
04.01.2018
*****
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.