Saturday, January 05, 2019

672. इंसानों की बात अब (कुंडलिया)

672. इंसानों की बात अब (कुंडलिया)

इंसानों की बात अब, होती कहाँ हुजूर।
राष्ट्रगान जयगान की, चर्चा  है मशहूर।
चर्चा  है मशहूर, गाय गोबर  को लेकर।
टीवी पर  चिल्लाँय, गलियाँ ये दे-देकर।
करें  पैरवी  बैठ, दुष्ट-खल-शैतानों की।
होती कहाँ हुज़ूर, बात अब इंसानों की।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
05.01.2019
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