Wednesday, January 09, 2019

682. जिसकी रही भावना जैसी (मुक्तक)

682. जिसकी जैसी सोच हृदय में (मुक्तक)

जिसकी जैसी सोच हृदय में, नजर उसे  वैसा आता।
दिल दीवाना वो ही करता, जो इसके मन को भाता।
विलग  नहीं  हो सकता तुझसे, तेरे कहने से जानम।
चैन मिलेगा या बेचैनी, देखें अब  दिल  क्या पाता।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
09.01.2019
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जिसकी जैसी सोच हृदय में, नजर उसे वो आता है।
दिल दीवाना वो ही करता, इसको जो  मन भाता है।
विलग नहीं हो सकता तुझसे, तेरे कहने से  जानम।
चैन  मिलेगा  या  बेचैनी,  देखें  दिल  क्या  पाता हैं।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
09.01.2019
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