Saturday, October 24, 2015

131. सरस्वती वंदना (कवित्त)

सरस्वती वंदना (कवित्त)

श्वेत चीर धारणी माँ, श्वेत हंस वाहिनी माँ,
मातु मेरे हृदय को, शांत कर दीजिए।।

सच को मैं सच लिखूँ, दृढ़ता से लिख सकूँ,
लेखनी में मेरी ऐसी, शक्ति भर दीजिए।।

दूर अंधियारा करूँ,  जग में उजारा करूँ,
एक-एक शब्द को माँ, ज्योतिपुंज दीजिए।।

सच मूल मंत्र रहे, लेखनी स्वतन्त्र रहे,
देना है तो मातु मुझे, यही वर दीजिए।।

रणवीर सिंह (अनुपम)
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