Sunday, October 18, 2015

123. ईद - आज ऐसी भोर आई (कवित्त)

ईद

आज ऐसी भोर आई, ईद की बहार लाई,
देखो है उमंग छाई, हर एक मन में।

प्रेममधु घोल रही, मस्त होके डोल रही,
झूमें ये पवन देखो, धरा औ गगन में।

रंजो-गम सब जले, हर कोई मिले गले,
यूँ ही ख़ुशी फूले-फले, प्यारे से वतन में।

मिल-जुल सब रहें, दुःख-सुख मिल सहें,
शांति का संदेश फैले, जन-गण-मन में।। 

रणवीर सिंह (अनुपम)
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