हमारे घाव की पीड़ा, हमीं को यार सहने दो,
न आकर छेड़िये इनको, इन्हें रिसने दो' बहने दो,
तुम्हारा खेल है सारा, मुझे मालूम है साहब,
करो अब बंद नौटंकी, इसे अब यार रहने दो।।
रणवीर सिंह (अनुपम)
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न आकर छेड़िये इनको, इन्हें रिसने दो' बहने दो,
तुम्हारा खेल है सारा, मुझे मालूम है साहब,
करो अब बंद नौटंकी, इसे अब यार रहने दो।।
रणवीर सिंह (अनुपम)
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