घनाक्षरी
दृढ़ता से सच कहे, कह के जो टिका रहे,
ऐसा ही सपूत माँ के, मान को बढ़ात है।
मौत से न भय खाये, शत्रु देख भाग जाये,
ऐसा वीर सैकड़ों पे, भारी पड़ जात है।
शेरनी का लाल है ये, रिपुओं का काल है ये,
हिन्द का जवान सौ-सौ, मार के गिरात है।
हर बाधा तोड़ दे जो, वक्त को भी मोड़ दे जो,
वो ही इतिहास यहाँ, रच के दिखात है।।
रणवीर सिंह (अनुपम)
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