Saturday, January 06, 2018

480. वंसमोर का शोर है (कुण्डलिया)

480. वंसमोर का शोर है (कुण्डलिया)

वंसमोर का  शोर है, चहुँदिश जय-जयकार।
इसने  कवियों को  दिया, एक  नया आधार।
एक नया आधार,  मिला  है  प्रतिभाओं को।
महानगर अरु नगर, राज्य के सब  गाँवों को।
डीडी पर  है  हुआ, आगमन  नए  भोर  का।
जिधर  देखिए  उधर,  शोर  है  वंसमोर  का।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
06.01.2018
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