Sunday, January 28, 2018

502. जनता है उपभोक्ता (कुण्डलिया)

502. जनता है उपभोक्ता (कुण्डलिया)

जनता   है    उपभोक्ता,   राष्ट्रवाद   है   ब्रांड।
देशभक्ति  के  नाम पर,  चहुँदिश  हत्याकांड।
चहुँदिश   हत्याकांड,   रोज    होती  लुटपाटें।
खुश हो नेता फसल, कौलियाँ  भर-भर काटें।
राजनीति  का  काम, जाति-धर्मों  से  चलता।
मरती  है  तो   मरे,  देश   की  भोली  जनता।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
28.01.2018
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