Friday, January 26, 2018

496. कितनी सुंदर देह जा (कुण्डलिया)

कोयल का बार-बार विवाह का प्रस्ताव टालने पर एक दिन उसने कौए से इसका कारण पूछा। इसी पर आज का कुण्डलिया छंद।

496. कितनी सुंदर देह जा (कुण्डलिया)

कितनी सुंदर देह जा, क्यों नहिं करत विवाह।
कौए  से   कोयल  कहे , देखूँ    तुम्हरी   राह।
देखूँ   तुम्हरी   राह,  बताओ  क्या  है  बाधा?
तब  कौए  ने  कहा,  सुनो  मेरी   प्रिय  राधा।
जब बिन शादी  काँव-काँव, जीवन में इतनी।
गर शादी  कर  लेंय, न  जाने   होवे  कितनी।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
25.01.2018
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करत- करते

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