Saturday, January 20, 2018

489. तुम जो निकल पड़े हो ऐसे (मुक्तक)

489. तुम जो निकल पड़े हो ऐसे (मुक्तक)

तुम जो निकल  पड़े हो ऐसे, ओढ़ लिहाफ, बहुत जल्दी से।
लगता सारी  कत्लगाह ही,  कर  दी  साफ, बहुत जल्दी से।
जितनी  तत्परता  से उनने,  केस सुना  औ खत्म किया है।
हमको तो गड़बड़ दिखती, कर दिया माफ, बहुत जल्दी से।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
18.01.2017
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