481. चार लठ्ठ का चौधरी (कुण्डलिया)
चार लठ्ठ का चौधरी, पाँच लठ्ठ का पंच।
जाके घर छह लठ्ठ हैं, बाकूँ अंच न पंच।
बाकूँ अंच न पंच, करें सब हाँ जी, हाँ जी।
समरथ ने जो कहा, वही कानून बना जी।
कौन विरोधी बने, काह कूँ किसी भट्ट का।
करते सब सम्मान, हमेशा चार लठ्ठ का।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
06.01.2018
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481. चार लठ्ठ का चौधरी (कुण्डलिया)
चार लठ्ठ का चौधरी, पाँच लठ्ठ का पंच।
जिसके घर छह लठ्ठ हैं, बाकूँ अंच न पंच।
बाकूँ अंच न पंच, करें सब हाँ जी, हाँ जी।
समरथ ने जो कहा, वही कानून बना जी।
कौन विरोधी बना, आज तक किसी भट्ट का।
करते सब सम्मान, हमेशा चार लठ्ठ का।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
06.01.2018
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बाकूँ-उसके लिए
अंच न पंच- पंच और पंचायत कुछ नहीं
भट्ट- ताकतबर व्यक्ति
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