473. जननी का है नाम नहिं (कुण्डलिया)
जननी का है नाम नहिं, आया का है नाम।
दो दिन में उगते नहीं, जामुन, कटहल, आम।
जामुन, कटहल, आम, फला करते दशकों में।
बहुत बड़ा है फर्क, स्वेद नकली अश्कों में।
दोष सूप के गिना रही, हम सबको छलनी।
आया को किस तरह, बताओ कह दें जननी।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
25.12.2017
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