471. मिल गए तो मिलन को
मिल गए तो मिलन को, स्वीकार कीजिए।
मत क़ीमती इस वक़्त को, बेकार कीजिए।
मेरा न हाल सुन सको, अपना सुनाओ तुम,
सुनने सुनाने में न अब, तकरार कीजिए।
सुन-सुन के, न-न आप की, आधी उमर गयी,
वर्षों बिताई उम्र अब, इकरार कीजिए।
अब भी सवाल है वही, हाथों का हाथ से,
लीजिए या दीजिए न इनकार कीजिए।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
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