Tuesday, December 12, 2017

464. कलुआ घर आयी लगन (कुण्डलिया)

464. बिगाड़ा बुआ (कुण्डलिया)

कलुआ घर आयी लगन, बुआ बिगाड़ा आय।
चिरपरिचित अंदाज  में,  आशिष  दी  हर्षाय।
आशिष  दी हर्षाय, लाल पर  दुक्ख  न आवे।
जैसे   टीबी   भयी   ठीक,   मिर्गी   हो  जावे।
लड़की  वाले  चले  छोड़, तब  पूड़ी  हलुआ।
बिना बियाहे आज रह गया, फिर से कलुआ।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
11.12.2017
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