मेरे कुछ शेर।
किसे सौन्दर्य कहते हैं, अदाएं चीज क्या होतीं,
अगर ये देखना है तो, हमारे यार से मिलिए।
फकत इस बात पर तुमने, किनारा कर लिया मुझसे,
तुम्हारी बात पर हर बार हाँ में हाँ न कर पाया।
तुम्हारे हुश्न पर लिखने को' सब बेताब बैठे हैं,
अकेला शख्स मैं हूँ जो, तेरे छालों पे' लिखता है।
अगर कुछ बात इंसानों से' हटकर आप में होती,
यकीं मानों तुम्हें अपना, खुदा कब का बना लेता।
मे'रा साथी समझता है, अकल बस डेढ़ तोला थी,
मिली है एक उसको और आधे में सभी दुनियाँ।
रणवीर सिंह (अनुपम)
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