कुण्डलिया
कंगना पायल से कहे, काहे होत अधीर।
हम दोनों की एक गति, एक हमारी पीर।
एक हमारी पीर, सजन आ इसे हरेंगे।
लखकर, छूकर, चूम, नया उत्साह भरेंगे।
वो दिन अब नहि दूर, मिलेंगे जिस दिन सजना।
मन मत करे मलीन, कहे पायल से कंगना।।
रणवीर सिंह (अनुपम)
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