भारत के वीर सपूत शहीद श्री हनुमनथप्पा को नमन करते हुए उनकी वीरता और शहादत के लिए चार पंक्तियाँ।
ताटंक छंद
कौन भुला सकता है उनको, देश पे' जान गँवाते जो।
उनका जीना, जीना होता, काम देश के आते जो।
अंतिम सत्य मौत है लेकिन, दुनिया रखती याद उन्हें,
देश पे' यौवन, प्राण निछावर, कर शहीद हो जाते जो।।
रणवीर सिंह (अनुपम)
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