Monday, February 22, 2016

220. उस को निहार करके

मापनी - 221  2122    221  2122
समान्त - आरता
पदांत - मैं

उसको निहार करके, किसको  निहारता मैं।
उसका विचार करके, किसको विचारता मैं।।

जिसको समझ रहा हूँ, भगवान  के बराबर,
बोलो  उसे   नजर   से,   कैसे  उतारता  मैं।।

जग को सुधारने का, जिनने लिया है' ठेका,
ऐसे   सुधारकों   को,  कैसे   सुधारता   मैं।।

भगवान मंदिरों में, खुद  कैद  दिख  रहे  हैं,
फिर कौन  देवता को,  लोगो  पुकारता  मैं।।

रणवीर सिंह (अनुपम)
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