Wednesday, December 30, 2015

184. आता है चुनाव जब (कवित्त)

आता है चुनाव जब, आते सभी गॉंव तब,
हम को ही वोट देना, शीश को नवात हैं।

गरज पडे तो आप, गधे को भी कहें बाप,
थूकें और चाट लेत, नेक न लजात हैं।

जिस दिन जीत जाँय, उस दिन ही दिखाँय,
बाकी पाँच साल नहीं, मुख को दिखात हैं।

अरबों कमाय लेत, कोठियाँ बनाय लेत,
बड़ी-बड़ी गाड़ियों में, अब आत जात हैं।

रणवीर सिंह (अनुपम)
*****

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.