Sunday, December 27, 2015

182. मुझे फूल बनने की हसरत नही है

मुझे फूल बनने, की' हसरत नही है।
बनू तो चुभन दूँ, ये' फितरत नही है।
गले में सजायो, या' डालो शवों पर।
किसी से हमें कोई नफरत नही है।।

रणवीर सिंह (अनुपम)
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