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जरा सोच तू कौन पथ पर चला है, कुकर्मों का' पौधा भला कब फला है, कभी जग न सुधरा सुधारे यहाँ पर, खुदी लोग सुधरें तभी सब भला है।।
रणवीर सिंह (अनुपम) *****
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