Saturday, December 19, 2015

172. जरा सोच तू कौन पथ पर चला है

जरा सोच तू कौन पथ पर चला है,
कुकर्मों का' पौधा भला कब फला है,
कभी जग न सुधरा सुधारे यहाँ पर,
खुदी लोग सुधरें तभी सब भला है।।

रणवीर सिंह (अनुपम)
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