Tuesday, April 30, 2019

763. जल से ही है जिंदगी (कुंडलिया)

763. जल से जिंदा यह जगत (कुंडलिया)

जल से  जिंदा यह जगत, जल से ही है सृष्टि।
जल का हम संचय करें, व्यर्थ न हो जलवृष्टि।
व्यर्थ न हो जल वृष्टि, करें हम  इसका रक्षण।
बर्वादी  पर   रोक, लगे  तत्काल  इसी  क्षण।
जल का  हो सम्मान, बहे नहिं यों  ही नल से।
सब का है अस्तित्व, सुरक्षित  केवल जल से।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
30.04.2019
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पानी  से   है   जिंदगी, पानी   से   है   सृष्टि।
पानी  का  संचय करें, व्यर्थ  न  जाए  वृष्टि।
व्यर्थ  न  जाए वृष्टि, करें हम  इसका रक्षण।
बर्वादी  पर  रोक, लगे  तत्काल  इसी  क्षण।
पानी  का  रख  मान, सुना  नाना-नानी  से।
मानव का  अस्तित्व, सुरक्षित बस पानी से।

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