Saturday, April 27, 2019

757. हम तो टूटे हुए (मुक्तक)

757. हम तो टूटे हुए (मुक्तक)

हम  तो  टूटे  हुए  छप्पर  की' बात  करते हैं।
महाशय आप ये किस घर की बात करते हैं।
जिन्होंने साल में खरबों की जोड़ ली दौलत।
हुज़ूर क्यों नहीं  उस ज़र की  बात  करते हैं।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
27.04.2019
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