750. रोटी हमको चाहिए (कुंडलिया)
रोटी हमको चाहिए, इसकी करिये बात।
धर्मन-जातन में हमें, काहे आप फँसात।
काहे आप फँसात, हमें मंदिर-मस्जिद में।
ले लोगे क्या प्राण, नाथ तुम अपनी जिद में।
भूख समस्या बड़ी, अन्य बातें हैं छोटी।
मंदिर-मस्जिद नहीं, हमें तो चहिए रोटी।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
10.04.2019
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