Wednesday, April 10, 2019

750. रोटी हमको चाहिए (कुंडलिया)

750. रोटी हमको चाहिए (कुंडलिया)

रोटी  हमको  चाहिए,  इसकी  करिये  बात। 

धर्मन-जातन  में  हमें,  काहे  आप  फँसात।

काहे  आप  फँसात, हमें  मंदिर-मस्जिद में।

ले लोगे क्या प्राण, नाथ तुम अपनी जिद में।

भूख  समस्या  बड़ी,  अन्य  बातें  हैं  छोटी। 

मंदिर-मस्जिद  नहीं,  हमें  तो  चहिए  रोटी।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
10.04.2019
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