Wednesday, April 24, 2019

755. गुस्से में सही मेरे सनम (मुक्तक)

755. गुस्से में सही मेरे सनम (मुक्तक)

गुस्से  में सही  मेरे  सनम,  बात  किया  कर।
जो भी छुपा है दिल में, बयानात  किया कर।
जो  बात  प्रेम  में  है, नफरत   में   है   कहाँ।
दिल खोलकर तू नेह की,बरसात किया कर।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
24.04.2019
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