758. दुर्बल तन आँखें धँसी (कुंडलिया)
दुर्बल तन आँखें धँसी, मनवा दिखे उदास।
धैर्य बगावत कर रहा, टूट गया विश्वास।
टूट गया विश्वास, स्वयं रहबर ने लूटा।
बेवा, वृद्ध, गरीब, भाग्य सब ही का फूटा।
धरे हाथ पर हाथ, रो रहे हैं मन ही मन।
पेट पीठ से चिपक, धँसी आँखें, दुर्बल तन।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
27.04.2019
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