Friday, April 26, 2019

756. अरे अकारण मिलनेवाली (मुक्तक)

756. अरे अकारण मिलनेवाली (मुक्तक)

अरे अकारण  मिलनेवाली, सौगातों  से  बचकर  रहना।
बेमौसम  इन  कृपाओं  की, बरसातों  से बचकर  रहना।
झंडाछाप   देशभक्तों   से, राष्ट्र दिख  रहा  है  संकट  में।
कुटिल धूर्त चालाक भेड़ियों, की घातों से बचकर रहना।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
26.04.2019
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