Thursday, November 01, 2018

622. माता बहना भार्या (कुंडलिया)

622. माता बहना भार्या (कुंडलिया)

माता,  बहना, भामिनी,  बेटी   है   वरदान।
मैं करता तुम भी करो, इन सबका सम्मान।
इन सबका सम्मान, नेह  की  ये  हैं सरिता।
प्रेम, गीत, संगीत  इन्हीं से, उपजे  कविता।
इन-सा दुष्कर फर्ज, सृष्टि में कौन निभाता।
माँ का  निश्छल नेह, सिर्फ  दे  पाती माता।

रणवीर सिंह (अनुपम)
31.10.2018
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