641. लिव-इन वाले आजकल (कुंडलिया)
लिव - इन वाले आजकल, लूट रहे आनंद।
रोज नई इक देह में, ढूँढ़ें परमानंद।
ढूँढ़ें परमानंद, खोज को रखते जारी।
हैं दायित्व-विहीन, नहीं कुछ जिम्मेदारी।
यहाँ - वहाँ मुँह मार, मजे करते मतवाले।
सच में यही स्वतंत्र, रिलेशन लिव-इन वाले।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
17.11.2018
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