645. चलती तो सलीके से चल तू (मुक्तक)
चलती तो सलीके से चल तू, काहे चहुँओर करे फटफट।
कछुए की चाल भली न सदा, कछु काम किया कर तू झटपट।
हर वक्त उलाहना ठीक नहीं, दिन-रात किया कर ना पटपट।
तब लौं चुपचाप न रहियै तू, जब लौं हुइ जैहै ना खटपट।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
18.11.2018
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