Sunday, November 18, 2018

645. चलती तो सलीके से चल तू (मुक्तक)

645. चलती तो सलीके से चल तू (मुक्तक)

चलती  तो  सलीके से चल  तू,  काहे  चहुँओर  करे फटफट।
कछुए की चाल भली न सदा, कछु काम किया कर तू झटपट।
हर वक्त  उलाहना  ठीक नहीं, दिन-रात  किया कर ना पटपट।
तब लौं चुपचाप न  रहियै तू, जब  लौं हुइ जैहै ना खटपट।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
18.11.2018
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