Thursday, July 20, 2017

383. तेरी तस्वीर को अह जानम (मुक्तक)

383. तेरी तस्वीर को अह जानम (मुक्तक)

तेरी  तस्वीर  को  अह  जानम, आँखों  में  बसाकर  रखता हूँ।
तुझको कोई और न  देख सके, पलकों से  छुपाकर रखता हूँ।
बिछुड़न का डर मन में रहता, मुझको इस जालिम  दुनियाँ में।
इसलिए  तुझे  हरवक्त  सनम,  साँसो  में  समाकर  रखता  हूँ।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
19.07.2017
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