373. ठोकर जीवन में सखे (कुण्डलिया)
ठोकर जीवन में सखे, बड़े काम की चीज़।
ये अनुभव की खान है, इससे मिले तमीज़।
इससे मिले तमीज़, धैर्य हमको सिखलाती।
कर्मवीर, बलवान, सभ्य इंसान बनाती।
जो ठोकर से डरे, जिंदगी काटे रोकर।
कदम-कदम पर मिले, उसे जीवन में ठोकर।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
05.07.2017
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