Friday, July 07, 2017

374. नंगा, नंगा होत है (कुण्डलिया)

374. नंगा, नंगा होत है (कुण्डलिया)

नंगा,  नंगा   होत  है,  मत  करना  तकरार।
नंगों के  मुँह  मत लगो, कह दे  जो दो-चार।
कह  दे जो दो-चार, उसे हँसकर  सुन लेना।
हाँ-हाँ  करते  रहो, ज्ञान  मत  इसको  देना।
करके  तर्क-वितर्क,  कभी  मत  लेना पंगा।
परमेश्वर  से   बड़ा,  धरा  पर   होता   नंगा।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
06.07.2017
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