Tuesday, July 18, 2017

380. सौ बार गिराया है तुमने (मुक्तक)

380. सौ बार गिराया है तुमने

सौ बार  गिराया  है  तुमने,  हर  बार  गिरे औ  सँभल  गये।
बर्दाश्त  रहे  करते  तुमको,  तुम हद  से आगे  निकल गये।
अब नहीं  जरूरत है  कोई,  हमदम अफसोस  जताने की।
कुछ फर्क नहीं अब पड़ता है, तुम बदले या हम बदल गये।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
18.06.2017
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