Monday, November 16, 2015

147. दूर से आँखें मिलाकर लूट लिया

दूर  से  आँखें   मिलाकर   लूट लिया।
मिले  तो  नज़रें  झुकाकर  लूट लिया।

पहले  तो  जलवा  दिखाया  हुश्न  का,
और फिर जुल्फें गिराकर  लूट लिया।

पास  पहुँचे  तो  शिकायत  ही  मिली,
जब  चले  तो  मुस्कराकर  लूट लिया।

इतने  से  जब दिल  नहीं उनका भरा,
नींद  में  नींदों  को आकर लूट लिया।

जंगलों   में   जो   लुटे    वे   और   हैं,
मुझको तो घर पर बुलाकर लूट लिया।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
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