403. बाबाओं की मौज है (कुण्डलिया)
बाबाओं की मौज है, इनकी है सरकार।
इनकी खातिर भक्तगण, मरने को तैयार।
मरने को तैयार, मारने पर आमादा।
व्यभिचारी, ठग, चोर, कोइ कम कोई ज्यादा।
राजपाट, लुटपाट, हैसियत राजाओं की।
दुष्कर्मी, खल, दुष्ट, मौज इन बाबाओं की।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
26.08.2017
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