Saturday, August 26, 2017

402. जो भी पहुँचन चाहता (कुण्डलिया)

19.08.2017 को खतौली में हुई रेल दुर्घटना पर व्यंग।

402. जो भी पहुँचन चाहता (कुण्डलिया)

जो भी पहुँचन चाहता, जल्दी प्रभु  के धाम।
बैठे  प्रभु की  रेल  में,  बन जाएं  सब काम।
बन  जाएं  सब  काम, स्वर्ग  सीधा पहुँचाये।
भेदभाव नहिं  करे, सभी  को  यह  ले जाये।
बाल वृद्ध या ज्वान, बे टिकट भी हो तो भी।
पहुँचेगा देगी स्वर्ग, चढ़ेगा  इस  पर  जो भी।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
20.08.2017
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