Sunday, August 06, 2017

394. स्वामी को  स्वामी नहीं (कुण्डलिया)

394. स्वामी को  स्वामी नहीं (कुण्डलिया)

स्वामी को  स्वामी नहीं, सदा  कहो भगवान।
करना कभी विरोध मत, इतना रखना ध्यान।
इतना रखना  ध्यान, सिर्फ हाँ जी ही कहना।
मालिक  से  दो  कदम,  हमेशा  पीछे रहना।
चाहे  हो  वह  दुष्ट,  भ्रष्ट, गुंडा, खल, कामी।
सेवक  के  हित  यही  रखे  सर्वोपरि स्वामी।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
05.08.2017
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