Saturday, August 19, 2017

399. तिरछी चितवन तीर सी (कुण्डलिया)

399. तिरछी चितवन तीर सी (कुण्डलिया)

तिरछी चितवन तीर सी, भृकुटी खिंची कमान।
विश्वमोहनी   रूप  ये,  सब   मिल  हरते  प्रान।
सब  मिल  हरते प्रान,  हार, झुमका औ बाली।
रक्तवर्ण   ये   होंठ,   लटें   ये   काली - काली।
उन्नत   उभरा   वक्ष,  दूधिया   यह   गोरा  तन।
उर में  घुसती जाय,  हाय  रे  तिरछी  चितवन।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
18.08.2017
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